
कुछ एसा हुआ है आज पहली बार ,
उसने छोड़ा है अकेला आज पहली बार।
मुझे ना हक़ मिला अपने सवाल रखने का,
न खुद जवाब दिया उसने आज पहली बार।
मेरी चाहत से लेके मेरी पूजा में था वो,
ईश्वर से विश्वास उठा है आज पहली बार।
उससे शुरू होकर उस पर ख़त्म होती थी जिन्दगी,
जीने पर अफ़सोस हुआ है आज पहली बार।
जिसने बनाया दुनिया की हर ख़ुशी के काबिल मुझे,
उसी ने मुझे इतना रुलाया आज पहली बार।
क्युकी उसने छोड़ा है अकेला आज पहली बार.....