Saturday, December 18, 2010

हम बिकते है, हमें खरीद लो...
एक जमाना था जब लोग समाज की सेवा कर  और सद्कर्म से नाम कमाया करते थे . लोग समाजसेवा और परोपकार को ही मानव का सबसे बड़ा धर्म मानते थे लेकिन आज की दुनिया में प्रसिद्धीके मायने बदल चुके है. नीलामी के इस दौर में आप खुद को कितनी भी कीमत पर बेच सकते है क्योकि आज जो दिखता है वही बिकता है. यानी जितना अधिक आप दिखायेगे उतनी ही ऊँची आपकी कीमत लग जायेगी. आज के रिअलिटी शो इस मानव नीलामी में सबसे आगे है. हत्यारे हो, चूर या डाकू हर किसी को यहाँ  अपना हुनर आजमाने का मौका मिलता है. राखी का इन्साफ हो या बिग बॉस , हर अदालत में सिर्फ अश्लीलता ही जीत रही है.
              आप जितना ज्यादा फूहड़ और अभद्र बोल  सकते है आपकी टी आर पी  उतनी ही बढ़ेगी.इस चक्कर में  राखी का इन्साफ हो या बिग बॉस, बस जिस शिद्दत से लोग अपने आप को बेच रहे है वह देखने लायक है...